प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव भी हैं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी
चंडीगढ़ - हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद के हस्ताक्षर से आज 18 अक्तूबर 2024 को जारी एक आदेश द्वारा 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राजेश खुल्लर की मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव के पद पर नियुक्ति की गई है जो केबिनेट मंत्री के रैंक एवं दर्जे में होगी. यह नियुक्ति प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के कार्यकाल के समकालीन होगी
बहरहाल, खुल्लर की ताजा नियुक्ति के कार्यकाल और सेवा- शर्ते आदि संबंधी आदेश बाद में जारी किए जाएंगे.
गत वर्ष 1 सितम्बर 2023 को भी हरियाणा सरकार द्वारा जारी एक आदेश मार्फत राजेश खुल्लर को हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य प्रधान सचिव ( चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी) पद पर नियुक्त किया गया था.
खुल्लर ने तब रिटायर्ड आईएएस डीएस ढेसी का स्थान लिया था जो 3 वर्षों तक इस पद पर कार्यरत रहे थे. ढेसी को उक्त पद से तो पदमुक्त ( रिलीव) कर दिया गया हालांकि शहरी विकास के प्रधान सलाहकार नामक नव सृजित पद पर नियुक्त किया गया था. सनद रहे कि खुल्लर नवंबर, 2015 से अक्तूबर, 2020 अर्थात 5 वर्षों तक आईएएस रहते हुए भी हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के प्रधान सचिव तैनात रहे थे.
इसी बीच उक्त विषय पर कानूनी प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि अक्टूबर, 2020 में प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्च पद पर किसी रिटायर्ड आईएएस या अन्य अधिकारी को नियुक्त करने को वैधता देने बारे सचिवालय की कार्यप्रणाली की हिदायतों में संशोधन कर यह प्रावधान किया गया था कि मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव, उप प्रधान सचिव के अलावा मुख्यमंत्री द्वारा अधिकृत कोई अन्य अधिकारी भी मुख्यमंत्री के आदेशों को सम्प्रेषित कर सकता है अर्थात मुख्यमंत्री की ओर से आदेश/निर्देश पर हस्ताक्षर कर सकता है. इसी संशोधन के बाद ही डीएस ढेसी की मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव पद पर नियुक्ति की गई थी.
हेमंत ने बताया कि चूँकि दिसंबर, 2018 में केंद्र सरकार द्वारा हरियाणा के लिए निर्धारित और स्वीकृत आईएएस कैडर पदों में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, विशेष प्रधान सचिव, अतिरिक्त प्रधान सचिव और उप प्रधान सचिव का एक- एक पद तो शामिल हैं परन्तु मुख्य प्रधान सचिव का नहीं, इसलिए यह आईएएस का कैडर पद नहीं है एवं इस प्रकार के पद सृजित करने में राज्य सरकार कानूनन सक्षम है. फिलहाल मुख्यमंत्री कार्यालय में वी. उमाशंकर, आईएएस मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के तौर पर तैनात हैं जबकि अमित अग्रवाल, आईएएस और आशिमा बराड़, आईएएस दोनों मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव पद पर तैनात हैं.
हेमंत ने बताया कि पडोसी राज्य पंजाब में भी मार्च, 2017 में सत्ता सँभालते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब कैडर के एक रिटायर्ड आईएएस सुरेश कुमार को उनका मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया था हालांकि जनवरी, 2018 में हाई कोर्ट के एक सिंगल बेंच ने उस नियुक्ति को भारत के संविधान के अनुच्छेद 166 (3) और उनके अंतर्गत बनाये गए नियमो की अवहेलना में किया गया करार करते हुए खारिज कर दिया था. इसके बाद हाई कोर्ट के डिवीज़न बेंच ने फरवरी, 2018 में सिंगल बैंच के फैसले को स्टे कर था. सुरेश कुमार सितम्बर, 2021 तक अर्थात जब तक अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद पर रहे, तब तक उनके मुख्य प्रधान सचिव रहे.
हालांकि उनके कार्यकाल दौरान उनकी उक्त पद पर नियुक्ति उक्त मामला हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच के समक्ष लंबित रहा. बहरहाल, गत वर्ष अप्रैल, 2022 में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने रिटायर्ड आईएएस सुरेश कुमार की मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्य प्रधान सचिव पद पर नियुक्ति को वैध ठहराया.
हेमंत ने यह भी बताया कि मई, 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने भी उत्तर प्रदेश कैडर के एक रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्रा को उनका प्रधान सचिव नियुक्त किया था और फिर सितम्बर, 2019 में गुजरात कैडर के एक सेवानिवृत्त आईएएस प्रमोद कुमार मिश्रा को प्रधान सचिव नियुक्त किया जो आज भी कार्यरत हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में उनके प्रधान सचिव रहे ब्रजेश मिश्रा भी रिटायर्ड आईएफएस ( भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी थे.